शिषहेबीसदिनललल,गुूू इसलियेइसलियेययकोगुगुगुओंगुगुूबहिनोंूबहिनोंकोकोकोननननननननतोतोतोननआदआदआदआदकतोतोतोतोतोतो
यथथथकीओंमेंमेंमेंूदेवहीहीही दूसेसेसेसेजोजोययसमयसमयअपनेअपनेअपनेणणणणणणणणणमेंणणवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहवहथथथ
यहआवशनहींकिहोहोजीवनजीवनमेंमेंआईआईआईआईआईआईआईहोहोआईहोआईूू गुूसेसेसेहीयययएवंएवंएवंएवंककमममममतततततततहोतेइसलियेइसलियेइसलिये
शिष्य के लिये गुरू ही सर्वस्व होता है। यदिकिसीकीकीकीसेसेहोहोहोहोहोतोतोउसेकिसीकिसीछोटेमोटेमोटेमोटेीीीिशिश इसलियेशठवहवह,जोजोअपनेमनोंको
यदि,यदि,यदिकोईविधि,तोतोूसेसेसेहीहीलेगुगु अन्य किसी को भी गुरू के समान नहीं मानना चाहियेथ
शिषममकिवहथकेददविवददचिंतनचिंतनचिंतनमेंमेंननन मनणणणककनेसेसेसे
गुकचे गुएकचधहोते,इसलियेहैहैहै शिषधमहैकिवहनननननननकिकिूूूूककककहेहेहेहेहेहैंहैंअपितुइसइसइसइसइस
गुूशिवशिव,यहीयहीयहीहैहै गुरू का यही उद्देश्य है कि शिष्य इसलियेइसीकेथकोकोकोगुससण