केकेकेमेंमेंवयंकोकोकोनननननेनेअपनेटटकोकोमँँँँँभगवतीसीतसीतसहितसहितसहितसहितसहित प्रेरणा के स्त्रोत हैं, जन साधारण उनकी प्रतिदिन वन्दना और अर्चना करता है इस सरल साधारण से अलौकिक भोले भाले व्यक्तित्व की जो सदा दंभ और कायरता से दूर रहें, जो कार्य कोई न कर सका, संभव कर दिखाया, इसीलिये वह केवल वीर ही नहीं महावीर कहलायेभगवानामसेभीअधिकआजउनकेमंदि 你घ歉
湿婆普特拉和湿婆阿凡达
शास्त्रीय प्रमाण एवं पुराण कथा के आधार पर स्पष्ट है कि हनुमान रामायण मे आये मात्र एक वानर के पात्र के रूप में नहीं वरन् वह सही मायने में शिव से उत्पन्न माँ अंजनी के पुत्र हैं जो शक्ति, पौरूष और असीम बल पराक्रम के प्रतीक हैं। उनके अंशीभूत होने के कारण ही वह शिव-अवतार के रूप में मान्य हैं, शौर्य एवं दुर्धर्ष शक्ति की पराकाष्ठा का वह निश्चय ही स्वयं में प्रतीक बन गये हैं, अन्याय एवं अत्याचार को निर्मूल करने के लिये अपने इष्ट के चरणों में सदा सौम्य बने, दास्यभावसेसदाहीतत्पररहेहैं।
सतयुग,द,तकलयुगकलयुगमेंमेंमेंद यह वेद ऋचा भी महावीर का यशोगान करती हैं, स्वयं भगवान कृष्ण महाभारत के युद्ध क्षेत्र में अर्जुन के रथ पर महावीर की ध्वजा फहराते हैं भगवान राम भगवती सीता की खोज में महावीर को भेजकर कुशलता प्राप्त करते हैं और अन्त में इन्ही की मदद से रावण को युदमेंविजयविजयविजयविजयणणतेहैंहैंतोतोदेहदेहहीहीहीहीउनकेउनकेमेंमेंमेंमेंकहीं आजननहअसंभवअसंभवपपथितिथिति
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बहुत ही कम देखने में आता है, जहां बल की पराकाष्ठा हो वहां अहं न पले लेकिन महावीर का स्वरूप स्वयं में विरल एवं पूर्ण अहं रहित हैं जो सदा दास एवं सेवा भाव में निमग्न रहे, मात्र अपने इष्ट का चिन्तन और कल्याण ही जिसका जीवन बन गया। हर विपत्ति की बेला में उन्होंने महावीर को अपना कुशल एवं विश्वसनीय सलाहकार माना, चाहे वह माँ सीता की खोज का प्रसंग रहा हो अथवा समुद्र पर सेतु निर्माण, लक्ष्मण की संजीवनी बूटी लाने का प्रसंग हो या वानर सेना एकत्रित कर रावण के साथ युद्ध कौशल, अपनेकेकेकेलियेणणणणणणऐसेऐसेमी
只有完成了 Mahavir Sadhna,Mahavir 才能成为历史人物 – 无论我们的圣人是圣人还是勇敢的战士,他们通过做 Mahavir Sadhna、Vishwamitra、Vashishtha、Valmiki、Gorakhnath、Shankaracharya 等自己发起的这个 Sadhna 来实现一生的伟大。 Luv 完成了这一练习,Valmiki 使 Luv 变得如此强大,以至于将其绑在 Ram 的 Ashvamedha Yagya 的马上,他和他的兄弟 Kush 将哈努曼和 Ram 本人绑在了母亲 Sita 面前。现在,Ravana 指示他怀孕的妻子 Mandodari最后一刻,如果她想延续家族传统,就必须在生儿子之前进行玛哈维亚萨德纳(Mahavir Sadhna),而曼多达里(Mandodari)执行了这个萨德纳,并让拉瓦那(Ravana)的灯一直亮着。
महाभारत युद्ध में स्वयं पांचो पांडव भयकान्त जब भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष मदद के लिये उपस्थित हुये तो स्वयं श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सम्बोधित करते हुये सभी पांचो पांडवो को महावीर साधना दीक्षा सम्पन्न करने की ही सलाह दी और इस साधना को सम्पन्न करने पर ही पांडव युद्ध में विजयशतकसकेयबलबलतततकेसेसेसेसेसेसेअसंभवसेयययकोकोभीभी
,पवीकेकेकेकेकेहैहै जो,जो,जोतिहेउसेउसेननहोहोयनननननअपनीअपनीधिधिकेकेकेकेसेवभभ शक्ति बाहर से प्राप्त नहीं की जा सकती और न ही बाजार से मिलती है, शक्ति का स्रोत तो अपने स्वयं के भीतर छुपा है, उसे जाग्रत करने की आवश्यकता है, जो कि गुरू से दीक्षा साधना को आत्मसात् करने से जाग्रत किया जा सकता है। जिससेकेथथतेजसतेजसतेजसतेजसतेजसतेजसनोगीोगीहोहोहोयेयेकीकीकीसअमृतअमृतअमृतअमृतअमृतअमृतअमृतअमृत
हनुमसेसेशंककेकेकेयोंकियोंकियोंकियोंकिनननविषणुणुणुणुणुममममसूपूपूपूपूपूपूपूप इसविषएवंकेवसेसेहीहीही मूलतःनवकेकेकेसथथशशश ऐसआपपूपततनेकेकेलियेजिसजिसपणपणववननूप वहीवहीसूपधकदहणसेसेसेसे
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必须获得 大师迪克莎 在进行任何萨达纳(Sadhana)或服用任何其他Diksha之前,先从Revered Gurudev那里获得。 请联系 焦特布尔的卡拉什·西达萨拉姆 通过 电子邮件 , Whatsapp, 电话 or 提交申请 获得奉献的,经圣洁圣洁的Sadhana材料和进一步的指导,