एकदिनसुबहसुबहसुबहअपनेअपनेकेकेबीचबीचगयेगयेगयेगयेथथथथमेंमेंमेंमें फिबैठउनउनहोंनेहोंनेहोंनेंठंठंठ,दूस, रूमाल बदल गया या वही है?
निश्चित ही कठिनाई हुई होगी। क्योंकि यहकहना भी गलत है कि रूमाल बदल गया। क्योंकि रूमाल बिलकुल वही है। गलकेकेमेंमेंमेंभभी。 जितना था, जैसे था, वैसा ही रूमाल अभी भी है। लेकिनभीभीनहींहैकिबिलकुलबिलकुलनहींनहींनहींनहींनहींनहींनहींतबतबतबललललललल इतनी बदलाहट जरूर हो गई है।
तो एक भिक्षुक ने खड़े होकर कहा रूमाल लगभग बदल गया है। बदला भी नहीं है और बदल भी गया है। बदलहमहमइसकेकोकोकोहैहै,अगहै नहीहै,अगइसकीहमहैहैहै,अगहैहै नहीं,लेकिन,लेकिनलेकिनंठलगलगगईहटहटहोहो आकार बदल गया है, आकृति बदल गई है। नही,अगहमइसकेवको,लेकिनलेकिनसमझे,लेकिनबदल ,वह,वहमआआआआआआलललंठेंठेंठेंठेलगलगलगलगलगलग वहभीनहींनहींथ
धहमजबचीजममदेतेहैंतोवहवह。 मजबू,कठिन,इसलियेमें,इसलियेनहींहोती,तबहैहैहैहै。 जैसे,पंखतेहैंमीमी,तोतोमें。。。 लेकिनजब पंखा रखा हो, तब उसको पंखा नहीं कहना पंखा का मतलब हुआ जिससे हवा की जा रही है। लेकिनजब रखा है तब तो हवा नहीं की जा रही हैथ तो उसे पंखा नहीं कहना चाहिये।
पैर वे है जिनसे आप चलते हैं। लेकिनजबनहींहैं,तबतबतबनहींनहीं。。。 फंक्शनल,उनका क्रिया का नाम होना चाहिये। लेकिनकठिनचलतेचलतेचलतेलियेअलगनम,बैठतेबैठतेबैठतेकेकेकेलियेअलगअलगअलगअलगअलगअलगअलग इसलिये काम चलाते है।
तोपंखेथथहैं,पंखवहवहतीतीहैजिससेजिससेजिससेजिससेकिकिकिसकतीसकतीसकतीसकतीसकतीसकतीहैहैहैहै जिससे हवाहो सकती है, जिसमें संभावना छिपी हैै रूमाल का कोई उपयोग है उसमें कुछ बांधा जा सकता है लेकिनलखुदहोहो,उसमेंउसमेंकुछनहीं。。 तो,एकनेनेमुझेमुझेहैवहवहवहयहकिकिमैंइसइसललललकोहूँ
औऐसेधधकेकेकेकेकेकेपकड़ गांठें और छोटी हो गई और बारीक होकर कस गई।
एकभिक्षुकनेचिल्लाकरकहा,क्षमाकरें! जो,उससे,उससेउससेऔऔबंधकठिन तो,एकएकधधहोगईकिकिकुछभीभीकने मैं कर रहा हूँ। लेकिनतुम कहते हो ऐसा करने से रूमाल और तो क्या करने से रूमाल खुलेगा?
तबएकनेनेनेनेकीकीनकैसेबंधीबंधी。 कजबकेकेूपकोनसकेसके,तबतबसके तो पहले देखना होगा की गांठ बंधी कैसे है। जोहैहैहैहैहीखुलनेढंगढंगहैहैजबजबजबतकतकहमेंनननननहोकिबंधनेबंधनेढंगढंगढंगढंगढंगढंगढंगढंगहैहैहैहैहैहै ककसेहैहैहै,गऔहोहोहोहोहोसकती
हमहैंथितियहहैहमबिलकुलबिलकुलबदलेनहीं हमहीहीहीहैमममम औंठेंजबनखुलखुलखुलखुलखुलहमउसपममवववअनुभवअनुभवअनुभवअनुभवनहींनहींसकते
निर्ग्रंथ शब्द बड़ा कीमती है। ब,गनिनिनिसेहमहमहमहैहै इतना ही अंतर है। पकैसेलगीहैहैहैहै
'अपनी आत्मा में ही सब वस्तुओं का आभोपितहैहैसेसेसेहीहीहीणणणऔकककशून
गांठ जब रूमाल पर लगती है तो बाहर से कहीथ कभी आपने गांठ अकेली देखी है बिना रूमाल के? कभी आपने गांठ अकेली देखी है बिना रस्सी के? शुद्ध गांठ आपने कभी देखी? जबभीहोगीपहोगी,अकेलींठकहींभीनहींहो。。
तो गांठ आई कहाँ से? क्या रूमाल के भीतर से आई है? ंठनथीअभीभभभ,तोतोतोउसकेसेसेसेकैसेआ? बाहर से आई नहीं, क्योंकि बाहर कभी गांठ पाई नहीं न,नआई,ननसे,ललनेनेनेअपनेअपनेकीकीकीकीकीकी निथथलकेकेमेंमेंमेंनहींनहींनहींनहीं
संसार जो है हमारा अर्जन है, एचीवमेंट है। हमने बड़ी चेष्टा करके निर्मित किया है। हमनेबड़े उपाय किये है, तब निर्मित किया है। गकहींकहींमेंमेंमेंमेंमेंनेनेबड़ीबड़ी इस चेतना में जो कुछ भी दिखाई पड़ता है, वह आरोपण ह आपको जो भी भीतर अनुभव में आता है, वह सब आरोपण हैथ
मनुषकीहैवहपणभंतिहैजो मनुषकीहैहैहैपणंतिहैहै,उसहैहैहै लेकिन मनुष्य के पास एक यंत्र है मन का। मनबिलकुलकीतहै,उसहैहैजोभीहै सचतोहैकिपकड़े,तोपकड़ेपकड़ेही मनएककीहैजोभीहैहैहैगलतगलतगलतवह
आतकोईचीजवेशनहींनहीं,मनहैहैमेंमेंसब तोतककोकीननसीखसीखसीखकिकिकिकिआमनेआमनेआमनेआमनेआमनेआमनेससमनेमनेमनेआआआआआआआआबीचबीचबीचबीचमेंमेंमेंमनमनमनककदलदलदलदलननननन यहनहींकिसबकुछोपितोपितमैंमैंमैंमम,जगतजगतजगत,मैजगतनहीनहीनही लेकिनकिकि,ककमनमनमेंमेंमेंहुआहुआहुआहुआकिकिकिकिकिकिकिमैंमैंमैंमैंहूँ न,न,नकममलेकिनमनमेंमेंसबसबसबसबमनमनमन औइतनेसेथेइतनेसेसेझलकतेझलकते,किझलकतेझलकतेविकविकविकविकहैहैहैयहयहयहंतिंतिंतिंतिहोहोनीनीनीकिवहवहवहझलकझलकझलकनहींनहींनहीं